Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

Poetry On Mother

Hindi Short Poetry

जरा सा रुक कर देखना कभी जरा सा रुक कर देखना कभी कब्रिस्तान मे भी,शायद कोई अभी भी जिंदगी की जंग लडता हुआ मिल जायेजरा सा रुक कर देखना कभी उस टुटे मकान मे भी,शायद अभी भी कोई सपनो के Read more…

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