Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

Poem

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बर्फ में बर्फ खाने(Barf mein Barf Khane)

 तुमको पाने के रास्ते कई थे, कौनसा चुनता बस यही परेशानी थी, या तो हाथ पकड़ लेता  और सीधा कह देता या दोस्त से 50 रुपये  उधार लेकर गुलदस्ता ले आता, वैसे तुमको रबड़ी की चुस्की  बहुत पसंद थी, पर Read more…

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