Hindi Shayari | शुक्र है शायरी है-1

Hindi Shayari

शुक्रवार की इस हसीन शाम मे , मैं आपके लेकर आया हू , कुछ शायरीया जो आपके दिल को जरुर छू जायेगी ।  हर शुक्रवार

शुक्र है शायरी है

को इसी तरह से मैं आपको कुछ शायरीया सुनाता रहूंगा , उम्मीद है आप इस छोटे से शायर की शायरी को अपने दिल मे जरूर  उतारेंगे ।

आईये चलिये शुरु करते है ।

 

 

” कदम-कदम पर गिरा हू मै,

 

पकड कर डोर हौसलो की चला हू मै,

 

इश्क भी किया मैंने तो छुप-छुप के ,

 

क्योंकि बेवफाई के शहर मे पला हू मै ।”

 

 

” कुछ दूर चलकर फिर रुक जाने की जिद है,
वक्त से आगे जाकर फिर उसे चिढाने की जिद है,
कश्तियो मे बैठे मुसाफिरो को किनारे पर जाने की जिद हैं,
हर तरफ बस कुछ ना कुछ पाने की जिद है,
जो कुछ देना पडे किसी गरीब को एक रुपया,
तो मुह छुपाने की जिद है.
अपनी जिंदगी मे सुकुन पाने की जिद है,
दुसरो की जिंदगी मे झाकने की जिद है,
मुस्कुराहट को गम से मिलने की जिद है
और मौत को हर जिद की हस्ती मिटाने की जिद है ।”

 

“चुप रहकर भी बहुत कुछ कहते थे,
तुम अहसासो के जरीये दिल मे रहते थे ।”

 

 

“मैं मुस्कुराता हू तो कहते है..गमो की समझ नही है..
और जब सैलाब था आंखो मे तो कहते थे…
तुम अकेले नही हो गम के सागर  मे | “

 

” हाथो मे चाय सुबह की,
और उसमे से उठता धुआ,
आंखो मे याद किसी की,
और होठो पर मुस्कानो का काफिला ” |

 

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