Ajinkya Rahane,The Last Warrior | द्रविड के स्कूल का आखरी स्टूडेंट
रहाणे कभी उस तरह के बल्लेबाज़ नही रहे जो आते ही ताबड्तोड रन बनाने लगे। लेकिन वो हमेशा से ईनिंग को बिल्ड करते है और टीम को एक ऐसी पोजिशन मे पहुचाते है जहा से टीम के बडे हिटर स्कोर को आगे बढा सके , साथ ही अभी की जो भारत की टीम है उसमे अधिकतर स्ट्रोक प्लेयर है। रहाणे ऐसी टीम मे एक धागे की तरह है जिनके इर्द-गिर्द बाकी लोग खेल सकते है। भारतीय क्रिकेट मे कई खिलाडी आये और गये। परंतु कुछ ही खिलाडी महान बन पाये और उनमे से एक-दो ही अपने आप मे एक स्कूल बन पाये। जी हा “स्कूल” , वो खिलाडी जिसने रिटायर्मेंट के बाद भी अपना योगदान भारत के क्रिकेट को देना जारी रखा। राहुल द्रविड एक ऐसे ही खिलाडी है। रिटायर्मेंट के बाद द्रविड अभी भारत की ए टीम के कोच है। द्रविड का योगदान एक कोच की भूमिका मे ऐसे ही रहा है जैसा महाभारत मे गुरु द्रोणाचार्य का रहा था। द्रोणाचार्य तो केवल एक ही एकलव्य से मिले थे। परंतु द्रविड के कई सारे शिष्य एकलव्य की तरह उन्हे अपना गुरु मान कर मेहनत कर रहे है। उनके सारे एकलव्य ठीक उनकी तरह तो नही है परंतु एक एकलव्य उनके काफी आसपास आ गया है। उस एकलव्य का नाम है “अजिंक्य रहाणे”।