कुछ किताबे तुम जैसी है । पुरी होने पर भी अधुरी सी है । उनके हर पन्ने पर एक निशान बनाया है मैंने और ये निशान तुम्हारे साथ बिताये लम्हो की यादे है । किताब मे कुल मिलाकर बस 365 Read more…
Friendship Poem In Hindi बचपन मे जब पार्क मे जाता था, तो मेरे लिये जो झुला-झुलने का नबंर लगाता , मेरी पेंसिल की नोंक टूट जाने पर , अपनी पेंसिल को तोड्कर जो देता , वो था दोस्त, Read more…