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Showing posts from April, 2017

Hindi Medium | WOW-Mind Your Language

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WOW-Mind Your Language-क्योंकी हिंदी मॉ ने सिखायी है भाषा इस दुनिया के निर्माण  का एक अहम हिस्सा है । जैसे हवा और पानी जीने के लिये जरुरी है । ठीक उसी तरह भाषा के बगैर इस दुनिया की कल्पना भी नही की जा सकती है । इस दुनिया मे कई तरह की भाषाये है और हर उस भाषा का उपयोग का जो लोग करते है ,उनके लिये वो भाषा उनकी मॉ,पिता और गुरु से कम दर्जा नही रखती है ।   जैसा अब तक के मेरे लेखन से लग गया होगा । मैं जिस भाषा की बात कर रहा हू । वो है “ हिंदी “। हिंदी मेरे लिये भाषा ही नही मेरी मॉ जैसी है । इसके अनेक कारण है और उन्ही कारणो का जिक्र आज मैं करुंगा ।   हिंदी मुझे मेरी मॉ ने सिखायी है । जब छोटा था तो मैंने “ मॉ “  कहना सिखा जो हिंदी का शब्द है । हिंदी मैं मैंने अपने जीवन की पहली डाट भी खायी और चाहे पेपर अंग्रेजी हो या गणित का हर पेपर के पहले मैंने भगवान का नाम भी हिंदी मे लिया था । हिंदी मे जब-जब मैंने कुछ किसी से सुना या किसी को सुनाया मुझे समझ भी आया और मेरी बात को समझा भी गया । हिंदी मे ही मैंने अपना पहला गाना सुना और हिंदी के गाने को ही मैंने अपने क्रश को देखकर गुनगुनाया । “ रिश्ते मैं तो हम

Indian Jugaad | हम भारतीय जुगाडू है

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हम भारतीय जुगाडू है भारत एक ऐसा देश है, जहा कई प्रकार के रिती-रिवाज़, नियम-कानून है और तरह तरह के लोग रहते है । हर शहर, हर गाव मे यहा एक ही काम करने के तरीके अलग- अलग है । अगर साफ और सीधे शब्दो मे कहे तो हम भारतीय जुगाडू है । हमारे पास हर काम को करने के एक से एक नायाब तरीके है । चलिये तो फिर आज उन्ही तरीको मे से कुछ पर नज़र डालते है ।       पायजामे मे नाडा डालना - हमारे भारत मे पायजामा और उसके नाडे का एक गहरा सबंध है ।नाडे के बिना पायजामे की और पायजामे के बिना नाडे की कल्पना ही नही की जा सकती है । जब भी पायजामे का नाडा निकल जाता है । उसे डालने के लिये शायद किसी ओर देश मे बडी दिक्क्त आये परंतु हमारे भारत मे ये काम आसान है । उसके लिये चाहिये बस एक टूथब्रश, उसके एक सिरे पर नाडे को बांध के पायजामे मे डाल देते है और पायजामे मे बडे ही आसानी से नाडा डाल दिया जाता है । इसमे आप दो तरह के जुगाड देख सकते है एक तो नाडे को पायजामे मे डालना, दूसरा टूथब्रश जब पुराना हो जाये तो उसका उपयोग भी हो जाता है । टूथब्रश का उपयोग यहा खत्म नही होता इसके अलावा कई लोग इससे अपने वाशबेसिन को तो कुछ अपने तोते के प

Half Girlfriend Movie | दोस्त से ज्यादा, पर गर्लफ्रेंड,बायफ्रेंड से कम

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दोस्त से ज्यादा, पर गर्लफ्रेंड,बायफ्रेंड से कम कहाँनीया कब और कहा बन जाये हम कह नही सकते, पर एक ऐसी जगह है जहा हर रोज़ , हर पल एक कहाँनी जन्म लेती है । ये जगह शायद इसिलिये ही बनी है और फिर जो भी यहा आता है , वो खुद कई कहाँनीयो के जाल अपने दिमाग मे बुनते रहता है । ये जगह है “कालेज़” , कालेज़ दुनिया की एकलौती ऐसी जहा कई कहाँनीया, अलग अलग किरदारो के द्वारा रची गई है । एक ऐसी ही कहाँनी आज आप सबको बताने जा रहा हू  । इस कहाँनी के सारे किरदारो के नाम बदले हुये है पर ये कहाँनी एक सच्ची है और मेरे दिल के करीब है ।   आयुष ने 12वी मे अपनी आई.आई.टी की जमकर की और वो आई.आई.टी मे जाने का सपना 11वी कक्षा से देख रहा था । आयुष की कोशिश और उसकी मंजिल के बीच मे वैसे तो फासले कम थे, परंतु जो हुआ वो उसने भी नही सोचा था । आयुष का सपना टूट गया और आई.आई.टी के दुसरे पडाव मे वो फेल हो गया , खैर आयुष ने अपने शहर के ही एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज़ मे दाखिला ले लिया । कालेज़ के पहले दिन से लेकर तो अगले कुछ हफ्तो तक वो हर पल आई.आई.टी मैंस के पेपर के बारे मे ही सोचता था । जब एक महीना बिता तो आयुष का दिल नये कालेज़ मे लगन

Bs4 Vehicles

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मौत पर डिस्काऊंट है मार्च का अंत आते –आते हर वर्ष काफी बद्लाव होते है. मौसम से लेकर फाइनेंस तक कई चीजो मे परिवर्तन होता है. मार्च के बाद कई चीजे महंगी होती है तो कई चीज़ो के दाम कम हो जाते है.इस बार मार्च के अंत मे फिर से कुछ चीजो के दाम कम हुये परंतु एक चीज़ के दाम मे अविश्वसनीय बदलाव हुआ और ये बज़ट मे प्रस्तावित भी नही है और सबसे बडी बात ये बद्लाव अप्रैल से पहले हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने टू और फोर व्हीकल बनाने वाली सभी कपंनियो के बीएस-3 वाहनो के प्रोड्क्शन पर रोक लगा दी.सुप्रीम कोर्ट  ने काफी पहले ही इन कपंनियो को बीएस-3 वाहनो को बंद करने की तारीख के बारे मे बता दिया था, परंतु फिर भी कपंनियो ने इनका प्रोड्क्शन जारी रखा. 1 अप्रैल 2017 से बीएस-3 वाहनो की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. मुर्ख दिवस के दिन सुप्रीम कोर्ट का ये समझदारी वाला फैसला पूरे भारत की जनता के लिये फायदेमंद रहेगा क्योंकी बीएस-3 के मुकाबले बीएस-4 वाहन कम प्रदूषण फैलायेंगे.   बीएस(भारत स्टेज़ एमिशन स्टैंडर्ड) भारत सरकार द्वारा लागू किया हुआ कानून है जो वाहनो से निकलने वाले धूये को नियंत्रित करता है. 1991 मे पेट्रोल और 1992 मे डीज़ल