Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

Month: October 2016

Karwa Chauth Poem

मैं रहूंगा जब तू सुबह उठ कर अपनी जुल्फो को सवार रही होगी ,तब सुबह की उस ताज़गी मे ,मैं रहूंगा  …   मुस्कुरा कर जब तू आइने मे देख रही होगी खुद को ,तब उस आइने मे संग तेरे,मैं Read more…

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