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Poetry For Lover | मेरे महबूब

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  वो लटे तेरे बालो की    कुछ कहती वो निगाहे तेरी     होठ तेरे सुर्ख लाल    करते हैं कमाल        वो चुलबुला अंदाज़    वो मीठी सी आवाज़     जब जब देखता हूँ तेरी हसीं    उस दिन का सबसे खुशनसीब पल होता हैं    वो मेरे लिए     चाहता हूँ कोई ऐसी जगह हो   जहाँ बस तू और मैं रहे              हाथ मैं हाथ पकड़ कर चले   समंदर के पार    चल ले एक नया अवतार      हवाओ का करता हूँ मैं शुक्रिया    क्योंकि जब -जब उड़ाती हैं ये तेरी जुल्फे    तेरी खूबसूरती में चार चाँद लग जाते हैं     हसीनाये तो कई देखी मैंने   तुझसे हसीन ना देखी कही      तारीफ़ और क्या करू तेरी अब    बस इतना कहूँगा के    अगर कोई पूछे मुझसे के   इश्क कैसे होता हैं    तो बस इतना कहूँगा के   एक बार मेरे महबूब को देख लो    समझ आ जायेगा कैसे होता हैं .         (चिराग )   (P.S:-This poem is for a special friend) Youtube- Chirag Ki Kalam School Friends | भाई मैं हू चिंता मत कर Poetry For Lover | Poetry For Lover In Hindi | Poetry For Lover Birthday | Poetry For Lover In Urdu | Lover In English |  Lover In Telugu | Lover Eyes