भीनी भीनी सी मिट्टी की महक आयी ओस की बूंदों से पत्तो पर चमक आयी पीछे मुड़कर जब देखा मैंने तो याद तेरी फिर आयी अँधेरे को दूर कर सूरज की रोशनी आयी Read more…
बागो की कच्ची कलियों की महक तेरी चूडियो की खनक वो धुप में बारिश का आना वो चाँद का बदलो में छुप जाना पौ फटते तेरी यादो में खो जाना सपनों में भी Read more…
एक दिन लालूजी बोले राबड़ी से, चलो कर आये हम लन्दन की सैर , क्यों न बनाये कुछ दिन लन्दन में अपना बसेर. (उस पर राबड़ी जी बोली के) लन्दन-वंदन की सैर छोडिये, पहले Read more…