Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

Poetry For Moon Husband From Wife In Urdu

Poetry For Moon | गुजारिश इतनी सी ….

ऐ चाँद आज धीरे चल, चाँदनी के साथ तू भी मचल  आज तू तारो को भी रोक ले , मदहोश हो जा तू भी मोहब्बत के नशे में    ऐ चाँद आज अमावस तो नहीं हैं  फिर भी तू कही Read more…

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