Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

Poem Unknown Soldier

Poem On Unknown | वो

  मेरे हर सफ़र का साथी था वो   ना जाने कब हवा चली और धुँआ हो गया वो     मेरी हर नजर का  दर्पण था वो   ना जाने कब धुप गई और अँधेरा हो गया वो   Read more…

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