Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

Poem Unknown Girl

Poem On Unknown | वो

  मेरे हर सफ़र का साथी था वो   ना जाने कब हवा चली और धुँआ हो गया वो     मेरी हर नजर का  दर्पण था वो   ना जाने कब धुप गई और अँधेरा हो गया वो   Read more…

Follow us on Social Media