Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

Poem By Rabindranath Tagore

Friendship Poem | दोस्ती एक प्यारा रिश्ता

एक दिन मेरे खुदा ने मुझसे पूछा ,क्या हैं ये दोस्ती ,क्यो बनाता हैं तू दोस्त ,ऐसा क्या हैं इस रिश्ते मैं ,जो नही हैं लहू के रिश्ते में । मैंने खुदा से कहा ,एक भरोसा हैं दोस्ती ,एक विश्वास Read more…

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