
जरा सा रुक कर देखना कभी
जरा सा रुक कर देखना कभी कब्रिस्तान मे भी,
शायद कोई अभी भी जिंदगी की जंग लडता हुआ मिल जायेजरा सा रुक कर देखना कभी उस टुटे मकान मे भी,
शायद अभी भी कोई सपनो के महल की दिवारे चुनते मिल जाये
शायद कोई अभी भी जिंदगी की जंग लडता हुआ मिल जायेजरा सा रुक कर देखना कभी उस टुटे मकान मे भी,
शायद अभी भी कोई सपनो के महल की दिवारे चुनते मिल जाये
जरा सा रुक कर देखना कभी सुलझे मैदान मे भी,
शायद अभी भी कोई पेड अपनी टहनियो को सहलाता हुआ मिल जाये,
जरा सा रुक कर देखना कभी उस रात के अंधेरे मे भी,
शायद अभी भी उज़ाला अपने अस्तित्व की लडाई करते हुये मिल जाये,
शायद अभी भी उज़ाला अपने अस्तित्व की लडाई करते हुये मिल जाये,
जरा सा रुक कर देखना कभी आकाश मे भी,
शायद धरती से मिलने की आस लगाये बादलो मे कोई बूंद मिल जाये.
जरा सा रुक कर देखना कभी उस भिखारी के कटोरे मे भी,
शायद दुआओ की कोई अधुरी कहानी मिल जाये
जरा सा रुक कर देखना कभी अपने पैरो के तलवो मे भी,
शायद अब तक के सफर की निशानी मिल जाये.
जरा सा रुक कर देखना कभी…..
(चिराग)
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जरा सा रुक कर देखना कभी अपने पैरो के तलवो मे भी,
शायद अब तक के सफर की निशानी मिल जाये. बहुत ही खुबसूरत
और कोमल भावो की अभिवयक्ति….
Loved it!! 🙂
🙂 🙂
enjoyed
all we need is to stay 4 a moment n look around..
lovely message !!
bahut bahut khub lekha he
thanks a lot
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absolutely beautiful………….
thanks a lot
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ya its a urdu word so a bindi in ujala
Awesome bro ! UJHALA 😀 😀
woaah…amazing !
nice 🙂
jara sa ruk kar dekhna hamare blog mein bhi,
dil ko chune vali koi kavita ya kahani mil jaye 🙂
'शायद अभी भी उजाला अपने अस्तित्व की लड़ाई करते हुए मिल जाए'-
संघर्ष अपनी आधी-अधूरी निशानियाँ छोड़ता चलता है. बहुत ही सुंदर कविता.
Shayad ab tak ke safar ki nishani mil jaye zea ruk kar dekhna kabhi
………wah Chirag bhai jwab nahi aapka Excellent post
…………
Gud wishes to u holi festival
from Sanjay bhaskar