
Friendship Poem In Hindi
बचपन मे जब पार्क मे जाता था,
तो मेरे लिये जो झुला-झुलने का नबंर लगाता ,
मेरी पेंसिल की नोंक टूट जाने पर ,
अपनी पेंसिल को तोड्कर जो देता ,
वो था दोस्त,
तो मेरे लिये जो झुला-झुलने का नबंर लगाता ,
मेरी पेंसिल की नोंक टूट जाने पर ,
अपनी पेंसिल को तोड्कर जो देता ,
वो था दोस्त,
टिफिन मे जो मेरी पसंद का खाना लेकर आता,
किसी से भी मेरी खातिर जो भिड जाता,
टीचर अगर मुझे क्लास से बाहर कर देता ,
तो जानबूझकर गलती करता और क्लास से बाहर हो जाता,
वो था दोस्त,
किसी से भी मेरी खातिर जो भिड जाता,
टीचर अगर मुझे क्लास से बाहर कर देता ,
तो जानबूझकर गलती करता और क्लास से बाहर हो जाता,
वो था दोस्त,
उसे चाहे जीरो मिले हो,
पर मेरे नबंर ज्यादा आने पर,
दुसरो को चिढाता ,
जिसके स्कूल ना आने पर,
हर चीज़ अधुरी लगती थी,
वो था दोस्त,
पर मेरे नबंर ज्यादा आने पर,
दुसरो को चिढाता ,
जिसके स्कूल ना आने पर,
हर चीज़ अधुरी लगती थी,
वो था दोस्त,
साईकल पर जो बैठा कर ,
पूरा शहर घुमाता,
संग उसके मेले मे चाट खाने का मज़ा बहुत आता,
क्रिकेट की पिच पर अगर वो साथ होता
तो हर टारगेट पूरा कर लिया जाता
वो था दोस्त,
पूरा शहर घुमाता,
संग उसके मेले मे चाट खाने का मज़ा बहुत आता,
क्रिकेट की पिच पर अगर वो साथ होता
तो हर टारगेट पूरा कर लिया जाता
वो था दोस्त,
अपने जन्मदिन पर सबको छोड कर,
सबसे पहले जो मुझे केक खिलाता,
मेरे गिफ्ट सबसे शानदार बताता,
और रिट्न गिफ्ट दो चार ज्यादा ही दे देता
वो था दोस्त,
सबसे पहले जो मुझे केक खिलाता,
मेरे गिफ्ट सबसे शानदार बताता,
और रिट्न गिफ्ट दो चार ज्यादा ही दे देता
वो था दोस्त,
कंधे पर जब हाथ उसका होता,
दुनिया की हर चीज़ पर हक अपना होता,
गलती होने पर जो डाटता भी
और फिर वही गलती करता
वो था दोस्त,
दुनिया की हर चीज़ पर हक अपना होता,
गलती होने पर जो डाटता भी
और फिर वही गलती करता
वो था दोस्त,
इश्क मे जब आंख भर आती,
दिल टूट जाता ,
“अरे वो तेरे लायक नही है भाई “ कहता
और फिर अगली किसी लड्की को भाभी कहता ,
और प्रेम पत्रो को उस तक पहुचाता,
वो था दोस्त,
दिल टूट जाता ,
“अरे वो तेरे लायक नही है भाई “ कहता
और फिर अगली किसी लड्की को भाभी कहता ,
और प्रेम पत्रो को उस तक पहुचाता,
वो था दोस्त,
पेपर के आखरी दिन तक जिसके संग पढाई करता,
जिसकी मदद से असाइन्मेट करता ,
जो कभी मेरी बातो का बुरा नही मानता ,
और जो साथ हो तो कभी डर नही लगता ,
वो था दोस्त,
जिसकी मदद से असाइन्मेट करता ,
जो कभी मेरी बातो का बुरा नही मानता ,
और जो साथ हो तो कभी डर नही लगता ,
वो था दोस्त,
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