
काश वो दिन फिर आ जाये
पेंसिल की नौक फिर टूट जाये
नौक करने के बाद के छिलके को पानी में डुबाये
काश वो दिन फिर आ जाये
काश वो रबर फिर घूम जाये
टिफिन काश वो फिर घर से
लंच टाइम में पापा देने आये
गेम्स पीरियड का वो इन्तेजार
वापस आ जाये
एनुअल फंक्शन का वो डांस
वो नाटक की तयारी
वो साइकिल की यारी
काश वापस आ जाये
वो साइकिल का पंचर होना
वो कम्पास में से पेन चोरी होना
वो ड्राइंग का पीरियड
वो मोरल साइंस के पीरियड की नींद
वो बुक से क्रिकेट खेलना
काश वापस आ जाये
wwf का वो खुमार
कोई बनता rock,कोई undertaker तो कोई rikishi
वो होली का हुडदंग
वो संक्रांति की पतंग
हट …काटा ……हैं की
वो आवाज़
काश वापस आ जाये
वो दिन वो बीते हुए लम्हे
आज भी जेहन में हैं मेरे
बस एक वो आवाज़ वापस आ जाये
और यादो को ताज़ा कर जाये
90’s Childhood | 90’s Childhood Memories | 90’s Childhood Games | Childhood Cartoons | Childhood Movies | Childhood Shows | Childhood Toys | Childhood Tv Shows | Childhood Books
Virat Kohli Anil Kumble | तिरभिन्नाट पोहा
YouTube 90’s Songs
बचपन की यादें ताज़ा कर गयी आपकी कविता !
सुन्दर शेली सुन्दर भावनाए क्या कहे शब्द नही है तारीफ के लिए….
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
beautiful poem! 🙂
purane din yad a gaye… 🙂
बचपन की यादें ताज़ा कर गयी आपकी कविता !
आभार !
बहुत भाव पूर्ण कविता है |बधाई आप मेरे ब्लॉग पर आए बहुत अच्छा लगा |आप उज्जैन में रहते हैं
जानकार बहुत प्रसन्नता हुई |हम लोग भी ऋषी नगर में {उज्जैन में ) रहते हैं |यदि आपने ऋषी नगर देखा है तो अवश्य मिलिएगा |
आशा |मेरा पता :-
हरेश कुमार सक्सेना
c47 Rishi nagar ujjain
Kash wo din fir aa jaye………kash
thanks to everyone
this poem dedicated to all the people who were with me in those days
wow..nice poem..ah! truly those were the days…ur poem took me back to my childhood days! 🙂
हर एक पंक्तियाँ दिल को छू गयी! बहुत सुन्दर और लाजवाब रचना लिखा है आपने! पुरानी यादों को खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है! बधाई!
Sach mein, wo din bahut achhe aur yaadgaar the.
Par abhi bhi zindagi achhi hi hai.
Cheers,
Blasphemous Aesthete
Purani yadon ka jeevant varnan…. Sunder panktiyan
Sooo True..!!!!!!!!!!!!!! 🙂
Those innocent childhood days are the most memorable days in everyone's life!!!!!!!!!!!!!!!!!!
^_^
School days were undoubtedly the best days of everyone's life.
I instantly felt nostalgic after reading it.
Well written !!!
किसी के भी जीवन के सबसे स्मरणीय और निश्चिन्त दिन यही होते हैं ,काश वो दिन आ कर वापस जाना भूल जाये …. शुभकामनायें !
पुरानी यादें ताज़ा कर दीं आपने। एक साथ बहुत से चित्र आँखों के सामने तैर गए….
अच्छा लगा पुरानी यादों में लौटना ।
यादें याद आती हैं,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com