Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

बर्फ में बर्फ खाने(Barf mein Barf Khane)

 तुमको पाने के रास्ते कई थे,

कौनसा चुनता बस यही परेशानी थी,
या तो हाथ पकड़ लेता 
और सीधा कह देता
या दोस्त से 50 रुपये 
उधार लेकर गुलदस्ता ले आता,

वैसे तुमको रबड़ी की चुस्की 
बहुत पसंद थी,
पर तुम अक्सर गर्मियों में
चली जाती थी नानी के यहाँ

तुम्हारी नानी का घर शिमला में था
अब बर्फ में बर्फ कौन खाता है
पर मेरे वहा आने में अभी 8 साल और है,

जब बड़े हो जाएंगे हम

Love Poems in Hindi

तब चलेंगे शिमला
तुम्हारी नानी से मिलने
और बर्फ में बर्फ खाने

तुम बस ऐसी ही रहना
मैं पता नही कैसा रहूंगा
लड़के बड़े होने पर लड़कियों को,
चीज़ कहने लगते थे
कल पड़ोस वाले भैया
एक दीदी को माल भी कह रहे थे

मैं कही उन जैसा हो जाऊ,
तो मार देना एक थप्पड़ 
जोर से गाल पर मेरे
जैसे उन दीदी ने भैया को मारा था

उसके बाद जो भैया ने कहा
उसे सुनकर समझने के लिए
मेरी उम्र बहुत छोटी है
तुम जल्दी समझ जाओगी
माँ कहती है लडकिया
जल्दी बड़ी हो जाती है

तुम मुझसे पहले ये सब
समझ जाओगी
और अगर समझ आये 
तो मुझे भी समझाना

क्योंकि मुझे तुम्हारे 
साथ बर्फ में बर्फ खाना है।


Tagged:

3 COMMENTS

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

Follow us on Social Media