15 साल और वो भिंडी की सब्जी
उस वक्त हम अपने
नये घर मे शिफ्ट हूये थे और कुछ दिनो तक केबल का कनेक्शन भी नही लगा था । मालवा की
चिलचिलाती गर्मी मे दूरदर्शन ही एक सहारा था और जब क्रिकेट का मैच हो तो दूरदर्शन
स्टार स्पोर्ट्स लगने लगता था । तब “फेयर
एंड लवली “ प्रेसेण्ट्स “फोर्थ अपांयर
“ के एस्पर्ट्स कमेंट सुनकर लगता था बस अभी
सचिन को संस्यास ले लेना चाहिये ।
खैर इस गर्मी मे
भी अगर क्रिकेट मैच टी.वी पर आये और वो भी India
vs Pakistan तो फिर ऐसा लगता
है जन्न्त और कही नही यही है । वैसे भी 12वी पास करके और IIT-JEE का
स्क्रिनिंग देके वेले बैठे थे । India vs Pakistan सिरीज़ का ये दूसरा वन-डे था । वैसे तो इसके पहले कई मैच देखे थे India vs Pakistan के पर इस मैच मे कुछ खास था । एक खिलाडी खेल रहा था ।
जिसके बारे मे ,
मैं अखबारो और कभी कभार दूरदर्शन और आकाशवाणी की न्यूज़ मे टटोलता रह्ता था । जिन
दोस्तो के यहा केबल था वो बताते थे के सबसे तेज़ चैनल पर उसकी खूब तारीफ हो रही थी
। मैं उस खिलाडी को अच्छा खेलते हुये बस इसिलिये देखना चाहता था के जब से क्रिकेट देखा था ,तब से अब तक हर टीम के पास एक ऐसा विकेट कीपर था
जो बल्लेबाज़ी भी बढिया करता था ।
हम दोस्तो का optimism इस
कदर था के हमने नयन मोंगिया, समीर दीघे,अजय रात्रा,दीप दास गुप्ता,
विजय दाहिया,सबा करीम और एम.एस.के प्रसाद के छोटे –मोटे contribution को भी ऐसा आकते
थे के बस अब मिल गया India को भी एक बढिया विकेट-कीपर । हमारी सारी उम्मीदे एक-दो मैच या ज्यादा से ज्यादा एक सीरीज़ के बाद
खत्म होती गई । इस सीरीज़ मे भी उम्मीदे कुछ ऐसी
ही थी क्यूंकि एक दोस्त ने सबसे तेज़ चैनल पर इस खिलाडी की India A के
लिये खेली पारीयो मे से एक की कुछ highlight’s देखी
थी । शायद इसी कारण पहली बार मैंने उम्मीदे एक सीरीज़ तक और
बढा ली ।
मैच मे टास
जीतने के बाद जब Indian टीम
बैटींग करने आयी तो मन कर
रहा था के बस जल्दी से कोई आऊट हो
और वो खिलाडी बैटिंग करने आये । God
of Cricket ने हमारी बात सुन
ली और फिर क्रीज़ पर वो आया जिसका
मुझे इंतेजार था ।
पेट मे भूख ने
अलार्म बजा दिया । मैं किचन मे गया और
देखा आज भिंडी बन रही थी , पर एक अलग अंदाज़ मे ,मॉ
ने भिंडी के साथ आलू भी मिक्स कर रही थी । ये
पहली बार ही मैं ऐसे combination को खा रहा था । मुझे लगा आज जरुर कुछ नया
होगा क्योंकि मॉ की recipe हमेशा
ही बढिया होती थी ।
बस ये सोच कर मैं
जा बैठा टी.वी के सामने और देखने लगा उस खिलाडी की बैटिंग जो आने वाले सालो मे
भारतीय क्रिकेट के इतिहास मे नये नये chapter
लिखने वाला था । वैसे इस series
के पहले इस खिलाडी ने बांग्लादेश के खिलाफ अपना डेब्यू कर लिया था । उस series
मे उसने ज्यादा रन नही बनाये
थे और फिर मैं मैचेस देख भी नही पाया था ।
इसी कारण से मन ये मान ही नही रहा था के खिलाडी फेल हो सकता है ।
लम्बे - लम्बे
बाल और उसी तरह से लम्बे –लम्बे shots लगाने
वाले इस खिलाडी ने जैसे ही 50 रन पार किये
लगा बस अब सूकून है । फिर धीरे-धीरे जब उसने हर गेंदबाज़ के धागे खोलने
शुरु किये , लगने लगा अब हमे भी हमारा गिली मिल गया है ।मैदान मे
बैठे दर्शक और मैं बस एक ही आवाज़ लगा रहे
थे, धोनी-धोनी , धोनी-धोनी
, धोनी-धोनी
, ।
इस कदर धोया धोनी ने पाकिस्तान के बालर्स
को ऐसा लगा जैसे ये उन्हे कई सालो से खेल रहा हो ।
148 रनो की वो पारी ने उसी दिन ये तो तय कर दिया था
अब अगले कुछ सालो मे जब-जब India के
पांच विकेट गिर जायेंगे तब –तब अब टीवी बंद नही करना है । वैसे उस series
मे Pakistan ने India
को 4-2 से हराया था । पर
आज भी उस series की हार
नही चुभती क्यूंकि उस series ने Indian
Cricket Team को एक हीरा दे दिया था ।
साथ ही मॉ के
हाथो से बनी एक शानदार सब्जी खाने को भी मिली ।
15 सालो से धोनी
भारतीय क्रिकेट की लगातार सेवा कर रहे
है । 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप हो , 2011 का वन डे वर्ल्ड कप हो या 2013 की चैम्पियंस ट्राफी हर बार जो खुशिया धोनी
ने दी है इस देश को क्रिकेट के जरीये दी है
वो पता नही कब और कौन दे पायेगा ।
वैसे धोनी के कई मैचेस और पारीया है जो यादगार है पर
ये मेरी सबसे पसंदीदा पारी है ।
Dhoni Gilchrist nahi hai... But cricket me dusra Dhoni bhi nahi hai.. Batting to shandar hai hi but log uski furti yad rakhenge khaskar run-out ya stumpust karte waqt.
ReplyDeleteNicely written�� I think all have the same memory. Dil khol diya..