Hindi Poetry on Life


Hindi Poetry on Life,This poetry tells about different thoughts and mindset of Life during my writing.



बहुत दिन हुए कुछ लिखा जाए,
फिर सोचा कुछ देर रुका जाए ,


ख्वाहिशो को आसमान दिया जाए ,
उलझनों को विराम दिया जाए

कलम भी मुरझाई सी है
सोचा उसे विचारों की स्याही दी जाए


वक्त बदलते देर नहीं लगती ,
तो सोचा क्यों ना कुछ देर विचारों को रोका जाये,


बहुत दिन हुए कुछ लिखा जाए,
फिर सोचा कुछ देर रुका जाए ,


मंजिले बहुत सी है ,
रास्ते भी है कई ,
दिल में झांक कर अपने ,
मंजिलो को फिर से समझा जाए

hindi poetry on life


इंतेजार की भी एक सीमा होती है ,
ख़त्म उसे भी किया जाए ,

नये  घर में जाने से पहले
पुराने मकान को फिर से देखा जाए


बहुत दिन हुए कुछ लिखा जाए,
फिर सोचा कुछ देर रुका जाए ,


दिल में रंजिशे भी है ,
आजाद पंछियो की तरह,
उन्हें भी दिल से विदा किया जाए ,

नयी खुशियों के लिए चलो ,
कुछ जगह की जाए

रुककर एक जगह सिर्फ बैठा ना जाए,
कमियों को अपनी ढूंढ  कर ,

दुरुस्त उन्हें किया जाए

बहुत दिन हुए कुछ लिखा जाए,
फिर सोचा कुछ देर रुका जाए ,


-चिराग जोशी









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