Tapkeshwar Mandir
देहरादून डायरी- टपकेश्वर मंदिर 10 जून 2016 को जब मुझे ये पता लगा के मेरा सिलेक्शन डी.आई.टी यूनिवर्सिटी मे हुआ । तब मैंने सबसे पहले इस शहर के बारे मे ही सोचा और मेरी सोच मे ये शहर पहाडो पर बसा हुआ था । तेढे-मेढे रास्ते, पहाडो पर चढना और उतरना ,कुछ इसी तरह की कल्पना की थी मैंने और फिर जब गुगल देवता से पूछा तो शहर की एक भिन्न छवि मुझे दिखाई दी । खैर मैं शहर की इस वास्तविक छवि को देखकर उदास नही हुआ । 26 जून 2016 को दोपहर तकरीबन 1 बजे मे देहरादून पहुच गया । जब आप किसी अंजान शहर मे पहली बार आते हो तो सोचते हो काश कोई पहचान का मिल जाये । मेरे साथ ठीक ऐसा ही हुआ मेरे दोस्त( शायद ये कहना ठीक नही होगा , क्योंकी उम्र मे वो मुझसे बडे है ) और मेरे पुराने कालेज़ के कलीग सुनिल आनंद सर मिल गये । वो यहा मुझसे पहले से किसी दुसरी युनिवर्सिटी मे पढा रहे है । सर वैसे ये जानते थे के मैं आने वाला हू और सन्योगवश वो भी यहा आ गये थे । उनसे बातचीत करने के बाद मे फिर यूनिवर्सिटी की बस मे बैठ कर चला गया । खैर अब सीधा उस बात पर आते है जिसके लिये ये पोस्ट लिख रहा हू । देहरादून डायरी मे , आप सब से मैं इस शह