Hindi Short Story | आखरी गलती



आखरी गलती




राजीव ने अपने पेन को ऊठाकर अंगूठे और उसके पास वाली उंगली से घुमाने लगा . इस तरह पेन को घुमाने की कला हर कॉलेज़ जाने वाला स्टूडेंट को कक्षा 12वी से ही आ जाती है. इस कला मे जैसे ही कोई छात्र माहिर हो जाता है उसे लगने लगता है उसने जिंदगी की एक बहुत बडी पहेली हल कर ली है.




अचानक से शोर हुआ और राजीव के हाथ से पेन छूट गया और उसका ध्यान खिडकी पर गया. गली मे एक नारा हर कोई दोहरा रहा था . जीतेगा भाई जीतेगा गोलू भैय्या जीतेगा. इस शोर मे गली के नुक्क्ड के चाय वाले की आवाज़ सबसे तेज़ आ रही थी जिसकी गुमटी पर बैठकर गोलू शर्मा रोज़ छात्र-संघ के चुनाव जीतने की प्लानिंग करता था.

उसने वादा किया था चाय वाले कैलाश से – “जैसे ही हम चुनाव जीतेंगे हम सबसे कहेंगे के आपके यहा की चाय की चुस्की लगा-लगा कर ही हम इस चुनाव को जीतने की प्लानिंग किये है और कैलाश इस आश्वासन के भरोसे गोलू के सभी साथियो कोमुफ्त मे चाय पिलाया करता था . 




राजीव शोर सुनकर अपने अतीत को याद करने लगा. उसने भी एक बार इसी चुनाव के लिये इसी गुमटी पर बैठकर प्लानिंग की थी. परंतु राजीव ने या उसके साथियो ने कभी भी कैलाश के यहा मुफ्त मे चाय नही पी थी . अचानक से उसके कमरे का दरवाज़ा खुला. “बेटा राजीव ले दुध पी ले “- उसकी मॉ ने यह कहते हुये दुध टेबल पर रखा और चली गई . राजीव ने कुर्सी सरकाई तो एक आवाज़ आयी ,कुर्सी के एक टांग के नीचे पेन दब गई थी .

उसने पेन को उठाया और कुछ सोचने लगा. पेन को बडे आराम से संभाल कर घुमा रहा थाऔर जैसे ही उसने ध्यान हटाया पेन नीचे गिर गई . ये पेन राजीव को कविता ने दिया था. 



कविता जी हा जैसा हर कहानी मे होता है ,कविता राजीव की गर्लफ्रेड थी .दोनो एक दुसरे से बहुत प्यार करते थे . राजीव अपने कॉलेज़ का हीरो था और पूरे कॉलेज़ मे हर जगह ही उसके चर्चे थे . राजीव छात्रसंघ का चुनाव जीत के कॉलेज़ का प्रेसिडेंट बनना चाहता था . कविता और राजीव की मुलाकत कॉलेज़ के पहले साल मे हुई थी . कविता से राजीव ने पहली ही मुलाकात मे अपने प्यार का इज़हार कर दिया था .


राजीव को कॉलेज़ के पहले ही हफ्ते मे एक सीनियर ने कहा – “ ओ चिरकुट कहा जा रहा है “. राजीव ने कहा –“ सर क्लास मे जा रहा था “. सीनियर ने कहा-“ फर्स्ट ईयर मे हो “. राजीव ने हा मे सर हिलाया . तभी उधर से कविता का आना हुआ . सीनियर ने कहा –“ जा जाकर उस लडकी को ये फूल देकर आई.लब.यू कह के आ “ सभी सीनियर जोर से हसने लगे. राजीव को डर तो लगा था परंतु वो कविता को कॉलेज़ के पहले दिन से ही चाहने लगा था . 

 

 
Hindi Short Story

 


जब राजीव ने कविता को फूल देकर अपने दिल की बात कही .कविता कुछ देर तो घबरा गई फिर उसने देखा दूर बैठे सीनियर हस रहे है तो वो ये समझ गई के ये रेगिंग का एक हिस्सा है. इसीलिये उसे इस बात का गुस्सा नही आया . लेकिन कहते है ना इश्क रंग धीरे –धीरे चढता है . कॉलेज़ के पहले साल के खत्म होते –होतेजब फ्रेशर पार्टी मे उसे कविता के लिये गाना गाने को कहा और उसने उस गाने के ज़रीये अपनी मोहब्बत का इज़हार कर दिया , कविता कुछ देर तक इसे फिर रेगिंग समझती रही .

 

प्यार तो वो भी करती थी राजीव से परंतु चाह रही थी के इज़हार राजीव करे परंतु राजीव ने ये रेंगिंग के कारण किया था. राजीव ने आखिरकारउसी पार्टी मे कविता को सच कह दिया और कविता ने भी उसके प्यार को स्वीकार किया . पहले साल के बाद राजीव हर किसी का चहेता था और सब चाहते थे वो कॉलेज़ का प्रेसिडेंट बने .




राजीव ने चुनाव लडा और जैसीसबको उम्मीदथी वो जीत गया . शाम को उसकी जीत मे उसने एक पार्टी रखी . उसकी पार्टी मे उसके सारे दोस्तो के संग कविता भी आयी थी . पार्टी मे खाने के साथ शराब भी थी . राजीव वैसे तो नही पीता परंतु उस दिन सबके कहने पर थोडी पी ली, पर शराब कभी थोडी नही होती , जब तक पीकर होश ना खो बैठे तब तक उतरती भी नही है . रात मे जब शराब ज्यादा हो गई तो कविता ने सोचा वो राजीव को छोड आये .

जब वो राजीव के घर पहुचे , राजीव ने कविता को अपनी बाहो मे भर लिया . कविता को लगा प्यार से वो ऐसा कर रहा था .परंतु वो होश मे नही था और वो कुछ आगे बढ गया . कविता ने उसे रोकने की कोशिश भी की परंतु राजीव अपनेहोश मे नही था . कविता ने जोर से राजीव को धक्काभी दिया पर कुछ ना हो सका.जब सुबह राजीव को होश आया तब उसे समझ आया उसने जो कविता के संग गलत किया . 


कविता ने राजीव से कहा – “ जो हुआ वो गलत हुआ. मैं तुम्हे कभी माफ नही करूगी” .राजीव ने उसे बहुत समझाया के वो होश मे नही था . परंतु ये कविता के उसूलो के खिलाफ था . कविता ने कहा –“ राजीव मैं तुमसे बहुत प्यार करती हू. परंतु तुम सोचो के जो कल हुआ उसके बाद मैं तुम्हारे साथ जिंदगी कैसे बीता पाऊंगी “.कविता उससे प्यार करती थी इसीलिये उसने किसी को इस बारे मे नही बताया .

 

राजीव उसकी इस बात का कोई ज़वाब नही दे पाया.





राजीव को इस बात का बहुत धक्का लगा और उसने अगले ही दिन कॉलेज़ के प्रेसिडेंट के पद से इस्तीफा दे दिया ये कहकर के उसे आई.ए.एस की तैय्यारी करनी है . सबने बहुत समझाया पर राजीव नही माना. राजीव उसके बाद कभी कविता से मुलाकात भी नही की . एक और शोर ने राजीव को वापस वर्तमान मे धकेल दिया. राजीव के हाथ मे वो पेन था जो उसे कविता ने दिया था जब उसने चुनाव जीता था . उस पेन को देखकर राजीव की आखो मे आसू आ गये. पेन की हालत देख के उसे लगा के उस दिन कविता की हालत भी ऐसी हुई होगी.


राजीव ने अखबार उठाया और मुस्कुरा दिया .उसमे लिखा था आर.के कॉलेज़ की कविता को युवा मोर्चा की तरफ से प्रेसिडेंट के पद का टिकीट दिया गया है .उसे अपनी इस पहली और आखरी गलती पर अब अफसोस नही हो रहा था .

-
चिराग जोशी 


Also Read A Simple Love Story




Hindi Short Story | Hindi Short Story With Moral | Hindi Short Story With Pictures | Hindi Short Story Books | Hindi Short Story Writers | College Story | College Story Movie | College Story Song | Hindi Short Story Writing Competition Topics | Hindi Short Story For Ukg | Hindi Short Story For Class 8 | Hindi Short Story With English Translation | Hindi Short Story Images



Comments

  1. सकारात्मक सोच लिए कहानी |

    ReplyDelete
  2. उम्दा कहानी अच्छी लगी |

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

90's Childhood | काश वापस आ जाये

माचिस की डिब्बी

Poem On City | कौन रहता है इस शहर में