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Showing posts from 2016

School Bags | एक ऐसा रिश्ता भी है

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एक ऐसा रिश्ता भी है जब मैं पैदा हुआ था शायद तब से ही वो मेरे साथ था । तब शायद मैं उसे जान नही पाया था । फिर भी बाद मे ये एहसास हुआ के ये तो तब भी वही था । जब मैं पांच साल का हुआ तब मैंने उसे देखा और ये कहू के देखा तो पहले भी  था पर समझा पहली बार , उसके बाद तो फिर वो मेरे साथ मेरे साये की तरह रहा और आज भी वो मेरे साथ है   मेरे सुख-दुख , सफलता- असफलता की हर कहानी मे मैंने उसे पाया है । मेरी जिंदगी मे जो रंग मुझे भरने थे वो रंग उसमे ही समाये थे । कभी रंगो से वो भीगा भी और साल –दर साल उसे मे नये परिवेश मे देखता भी गया , परंतु रुह उसकी हमेशा वही थी । बदला तो बस शरीर ही था । मौसम बारिश का हो या गरमी का उसने उस ज्ञान को जो उसने अपने भीतर रख रखा था । उस पर कभी आंच नही आने दी । ख्वाब हो या हकीकत हर वक्त और या ये कहू हर सांस मे वो था । जब-जब वो मुझे नही मिलता एक अज़ीब से बैचेनी मुझे हो जाती थी । लगता था दुनिया ही खत्म हो गई हो , परंत साल के कुछ महीने ऐसे भी थे जब मैं उसे भी आराम दे देता था । मॉ के हाथ के बने पराठे , सेंड्विच , अचार , सब्जी , रोटी या मिठाई हर चीज़ हमने मिल-बाट कर खायी थी । क

India vs England | रायता फैल ही गया था

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  भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल ही मे टेस्ट क्रिकेट मे नबंर -1 के पद को हासिल किया है । न्यूजीलैण्ड के सीरिज़ जीत से भी टीम का हौसला काफी ऊचा था । “ था “ इसलिये उपयोग किया गया क्योंकी जब भारतीय टीम इंग्लैड के खिलाफ पहला टेस्ट खेलने उतरी तो इस खेल के रचियता इंग्लैड ने उन्हे ये बताया के नबंर एक पर आना और वहा पर टीके रहना दोनो अलग बात है ।   काफी वक्त बाद कप्तान विराट कोहली सिक्के के उछाल मे मात खा गये और इंग्लैड ने राजकोट की पिच पर पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया । इंग्लैड के कप्तान कूक ये जानते थे के अगर भारत मे पहले बल्लेबाज़ी नही की तो मैच हारने का प्रतिशत काफी तेजी से बढ्ता है ।       कूक और युवा हमीद (जो अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे थे )  ने एक अच्छी शुरुवात दी और जब लगा के कूक अपना पुराना प्रदर्शन ( भारत के खिलाफ कूक का प्रदर्शन भारत और भारत के बाहर शानदार रहा है )  दोहरायेंगे , रविंद्र जाडेजा ने उन्हे एल.बी.ड्ब्ल्यू किया । इस सीरिज़ मे पहली बार भारत मे डी.आर.एस का उपयोग हो रहा था । इस डिसीज़न को लेकर कूक ने हमीद से बात की पर युवा हमीद का कम अनुभव यहा आडे आ गया , बाद मे देखने पर पता लगा

Demonetisation Article

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भरोसा रखिये परिवर्तन होगा   प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने जब 9 नवंबर को ये घोषणा की के आधी रात के बाद से 500 और 1000 के नोट चलने बंद हो जायेंगे तो उनकी सरकार की बहुत तारीफ हुई और रातभर तारीफो के मैसेज फेसबूक और वाट्सएप पर चलते रहे । अगले दिन बैंक बंद थे , लोगो को तकलीफ तो हुई पर सबने सोचा देशहित मे एक दिन की तकलीफ झेल लेंगे । फिर जब अगले दिन बैंक खुली पर जो सबको उम्मीद थी उस हिसाब से हुआ नही और होना भी नही था । इतना बडा देश है सबके नोटो को बदलने मे वक्त तो लगेगा । फिर अगले दिन ए.टी.एम खुले परंतु फिर भी हालातो मे कोई सुधार नही हुआ । सवाल करने वाले बस इसी के इंतेजार मे थे और वो दो दिन बाद इसलिये बोले के दो दिन वो भी अपने नोट बदलने मे लगे थे ।   जैसे घर मे कोई भी प्रोग्राम होता है तो रिश्तेदारो मे से कोई एक जरुर होता है जो चाहे काम कितना भी अच्छा हो कमिया निकालता ही है । कुछ लोग उस रिश्तेदार को फूफा कहते है( कोई भी फूफाजी , खासकर मेरे तो बिल्कुल भी बुरा ना माने और मान जाये तो दो रोटी ज्यादा खा लेना , कई बार खाना हर चीज़ भूला देता है ) तो कोई कुछ ओर तकिया कलाम उपयोग करते है । हा तो ये फूफा ट

Karwa Chauth Poem

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मैं रहूंगा जब तू सुबह उठ कर अपनी जुल्फो को सवार रही होगी , तब सुबह की उस ताज़गी मे , मैं रहूंगा  ...   मुस्कुरा कर जब तू आइने मे देख रही होगी खुद को , तब उस आइने मे संग तेरे , मैं रहूंगा ...   दिन मे जब तू बिना कुछ खाये –पीये काम करेंगी , तो तेरी हर थकान को दूर करने .. ठ्न्डी हवाओ मे , मैं रहूंगा ....      जब सांझ ढलने को होगी और तू मेरा इंतेजार करेगी , तब उस इंतेजार के हर एक पल मे , मैं रहूंगा ....    सज-सवंर के जब तू बिंदिया लगायेंगी तो , उस बिंदीया की सरलता मे , मैं रहूंगा ...    मैं रहूंगा  ...उन कंगनो की मधुर आवाज़ मे , सिंदूर मे , काज़ल मे और तेरी पायल की छम-छम मे .   रात को जब चांद की पूजा करके तू , मुझे देखना चाहेगी , तो बस अपनी आंखे बंद कर लेना , मैं रहूंगा .... तेरी आंखो मे वही ..    मेरा शरीर संग तेरे नही होगा आज , पर मेरी रुह वही होगी कही आसपास , मैं हमेशा रहूंगा...तेरे दिल मे , विश्वास मे और तेरी हर सांस मे . मैं रहूंगा .... मैं रहूंगा .... मैं रहूंगा .. ...    ये कविता मैंने अपनी पत्नी के लिये लिखी है .   ( चिराग जोशी )     Also Read Poetry on Life Karwa Chauth Poem | Kar

Writing A Poem

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  मैंने आज फिर कलम उठाई है   कोरे कागज़ पर अल्फाजो की बहार आई है , अहसासो ने फिर दिल मे एक धुन बजाई है , बहुत दिन हुये .... मैंने आज फिर कलम उठाई है   नये दौर मे एक नयी आवाज़ आई है , बीते वक्त की तस्वीर फिर आखो मे समाई है , बहुत दिन हुये .... मैंने आज फिर कलम उठाई है     कुछ दुरी पर छोड दिया था जिसे , वो मुस्कान मेरी लौट आई है ,   खुला आसमान है पाने को , कोशिशो मे नये रंग भरने को , विश्वास की वो डोर फिर खुदा ने पकडायी है , बहुत दिन हुये .... मैंने आज फिर कलम उठाई है   रुक फिर जाऊ शायद मंजिल से पहले , पर अब रुक कर बढने की हिम्मत आई है.... बहुत दिन हुये .... मैंने आज फिर कलम उठाई है... Also Read Ant hi Aarambh Hain Writing A Poem | Writing A Poem About Someone | Writing A Poem In Hindi | Writing A Poem Tips |  Poem About Your Child | Poem Template |  A Poem About Yourself | Poem Worksheet

School Friends | भाई मैं हू चिंता मत कर

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भाई मैं हू चिंता मत कर जिंदगी मे हम अकेले आते है और दुनिया की नज़र मे तो अकेले ही जाते है. परंतु जब हम इस दुनिया को अलविदा कहते है तो कई रिश्ते साथ होते है. जिनके बारे मे हमे याद नही रहता पर उन लोगो को जरुर हम याद रहते है जो हमारे साथ कई रिश्तो मे सहभागी बने. इन्ही रिश्तो मे से एक है दोस्ती का रिश्ता.   दोस्त , यार , यारा , मित्र , सखा , सहेली और भिडू ऐसे कई नामो से जाना जाता है इस रिश्ते का साथी. बचपन मे जब चाकलेट को तोडकर दोस्त को आधी देते थे लगता था जिंदगी का सबसे बडा सुकून मिला है. पेंसिल की नोक टूट जाने पर इधर-उधर नज़र घुमाते ही हमारे कंधे पर एक हाथ आ जाता था और जिस शार्पनर को हम खोज़ रहे होते थे , वो उस हाथ मे होता था. दोस्त संग रहते थे तो मुर्गा बनने मे भी मज़ा आता था. जब दोस्त का जन्मदिन होता था  | हम ऐसे खुश होते थे जैसे आज हमारा जन्मदिन हो उसके संग हर क्लास मे जाकर टाफी बाटते थे. जब कभी स्कूल मे खेलने का पिरियड होता था और दोस्त दुसरी टीम मे हुआ तब हमे धर्मसंकट शब्द का मतलब समझ आया था. दोस्त जहा कोचिंग जाता हम भी वही चले जाते या फिर वो हमारे पीछे आ जाता था |   कालेज़ मे जब आये

Hindi Short Story | आखरी गलती

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आखरी गलती राजीव ने अपने पेन को ऊठाकर अंगूठे और उसके पास वाली उंगली से घुमाने लगा . इस तरह पेन को घुमाने की कला हर कॉलेज़ जाने वाला स्टूडेंट को कक्षा 12वी से ही आ जाती है. इस कला मे जैसे ही कोई छात्र माहिर हो जाता है उसे लगने लगता है उसने जिंदगी की एक बहुत बडी पहेली हल कर ली है. अचानक से शोर हुआ और राजीव के हाथ से पेन छूट गया और उसका ध्यान खिडकी पर गया. गली मे एक नारा हर कोई दोहरा रहा था . जीतेगा भाई जीतेगा गोलू भैय्या जीतेगा. इस शोर मे गली के नुक्क्ड के चाय वाले की आवाज़ सबसे तेज़ आ रही थी जिसकी गुमटी पर बैठकर गोलू शर्मा रोज़ छात्र-संघ के चुनाव जीतने की प्लानिंग करता था. उसने वादा किया था चाय वाले कैलाश से – “जैसे ही हम चुनाव जीतेंगे हम सबसे कहेंगे के आपके यहा की चाय की चुस्की लगा-लगा कर ही हम इस चुनाव को जीतने की प्लानिंग किये है और कैलाश इस आश्वासन के भरोसे गोलू के सभी साथियो कोमुफ्त मे चाय पिलाया करता था .  राजीव शोर सुनकर अपने अतीत को याद करने लगा. उसने भी एक बार इसी चुनाव के लिये इसी गुमटी पर बैठकर प्लानिंग की थी. परंतु राजीव ने या उसके साथियो ने कभी भी कैलाश के यहा मुफ्त मे चाय नही

Poems On Rain | बूंद

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  खुशी हो या हो गम के दिन , साथ हमेशा रहती है.... बूंद , ढलती शाम कहु इसे या सुबह की लाली , साथ हमेशा रहती है ... बूंद    हर पल को देखकर , अपने अस्तित्व को बताने ...बाहर आ जाती है ...बूंद      खालीपन , उदासी , मुस्कुराहट या फिर खुशी , हर बार साथ निभाती है ....बूंद .    सोचो अगर ये बूंद ना होती तो क्या होता , आँखों मे अहसास ना होता , बातो मे विश्वास ना होता , जैसे नदी की पहचान उसकी लहरे है , वैसे हमारी आत्मा है ...बूंद  Love Poems   Poems On Rain | Rain In Hindi |  Poems On Rain In English |  Rain And Love | Rain In Telugu |  Rain By Famous Poets