Short Story On Drug | मौत के सौदागर
मौत के सौदागर
शाम ढल रही थी और ठंडी हवाए उसके चेहरे को सहला कर उसके कान में अपना पता बता रही थी। हवाओ के आलिंगन से उसका शरीर बर्फ में बदलने को आतुर हो रहा था। उसका दिमाग बार-बार उसके कदमो को एक झोपड़ी की ओर जाने का इशारा कर रहा था। जहा जा कर वो ठंडी हवाओ के प्यार को बेवफाई के धुएं में उडा देगा।
जब सफ़ेद रंग का ज़हर उसके काले होठो से अन्दर की बर्फ पिघलाने के लिए जा रहा था , तब सफ़ेद ज़हर और काले होठो का संगम जिंदगी और मौत के मिलन जैसा लग रहा था।
जेब से उसने एक तस्वीर निकाली और होठो ने अंगडाई ली साथ ही आँखों के आसमान में कुछ बुँदे भी आ गई थी। उसके दिल में ख्याल आया के अब बस हुआ आज वो सबकुछ ख़त्म कर देगा और आने वाली जिंदगी सुकून से बिताएगा। अब उसके कदम तेज़ी से बढ़ रहे थे। सफ़ेद ज़हर जैसे-जैसे शरीर में अपनी जड़े मजबूत कर रहा था, वैसे वैसे उसके दिमाग के सारे कर्मचारी काम करने लगे थे।
जैसे ही मौके पर पहुचा सफ़ेद ज़हर का असर कम होने लगा था। उसके शरीर से पसीना आने लगा था। उसने जेब से मौत की पुडिया निकाली और एक गोली बिना पानी और दूध के खिला दी एक मौत के सौदागर को, मौत के सौदागर के शरीर से निकलते लाल रंग में उसकी बेईमानी, हरामखोरी, चोरी और धोखेबाजी मिल गई थी।सब मिलकर ये चिल्ला रही थी, धन्यवाद हमें आज़ाद करने के लिए।
तभी वकील की आवाज़ आई " संजय बताओ कोर्ट को के कैसे और क्यों तुमने उस बदमाश का खून किया। "
संजय ज्यादा बता नहीं पाया और बस इतना कहा " अगर मैं इसे नहीं मारता तो ये मुझे और मेरे जैसे कितने की युवाओं को ड्रगस से मार देता, टीवी पर और कुछ दोस्तों के कारण में इस शमशान के दरवाजे पर पहुच गया था। मैंने अपने स्वर्ग जैसे घर पर चोरी की, माँ के गहने बेचे इस ज़हर के लिए,मेरे पास और कोई चारा नहीं था सिवाए इसका खून करने के। "
कोर्ट ने संजय को 5 साल के लिए बाल कारावास में भेज दिया क्योंकि उसकी उम्र सिर्फ 15 साल की थी।
" ऐसे कितने ही संजय ड्रगस लेने को एक स्टाईल समझ कर अपनी जिंदगी को मौत के सौदागर के हवाले कर देते है "
ये मेरी पहली कहानी हैं। एक छोटी सी कोशिश की हैं , उम्मीद करता हूँ आप सभी को पसंद आएगी। कुछ गलतिया हो तो अवश्य बताइयेगा।
चिराग जोशी
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nice one sir...
ReplyDeleterather a great message in a very small story... :)
आज की तस्वीर बयां करती आपकी कहानी
ReplyDeleteचिराग भाई
क्या बात है चिराग .............भाई ए समाज के लिए बहुत अच्छा सन्देश है
ReplyDeleteआज की तस्वीर बयां करती आपकी कहानी
bohot badhiya aur achuk shbdo ka prayog kiya he... behat umda...
ReplyDeletethank you amod
ReplyDeletethis story is for the message that i want to spread in society
bahut bahut dhanaywaad Hemant Ji
ReplyDeleteshukriya manish bhai...
ReplyDeleteबिहारी जी का एक दोहा.
ReplyDeleteसतसइया के दोहरा ज्यों नावक के तीर।
देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर।।
इस लघु-कथा का वार भी सीधे दिल पे....
बिहारी जी के शब्दों में,
ReplyDeleteसतसइया के दोहरा ज्यों नावक के तीर।
देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर।।
सीधे दिल पर वार करती है ये लघु-कथा.
:) :) :)
समाज को संदेश देती बेहतरीन लघुकथा,,,,बधाई,,,,,चिराग जी,,,,
ReplyDeleteपोस्ट पर आने के लिये आभार,,,,आप भी फालो करे तो खुशी होगी,,,
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shukriya bhai....
ReplyDeletebahut badhia lines likhi aapane b
shuriya sir
ReplyDeleteaapka blog ab follow kar raha hun main