कौन रहता हैं इस शहर में , अनजाने लोग जहा मिलते है अब कौन रहता है इस शहर में, रातो के साए जहा आते नहीं अब बंद दरवाजे है , खिड़की पर ताले है Read more…
मौत के सौदागर शाम ढल रही थी और ठंडी हवाए उसके चेहरे को सहला कर उसके कान में अपना पता बता रही थी। हवाओ के आलिंगन से उसका शरीर बर्फ में बदलने को आतुर हो रहा था। उसका दिमाग बार-बार Read more…
मैं आज फिर डाकिये को बेवजह डाट रहा था,पुचकार रहा था.सच तो ये हैं के तुने आज भी मेरे खत का जवाब नही भेजा हैं.ना जाने तू किस बात से डर रही हैं. दुनिया से …इस दुनिया से तो बिलकुल Read more…
धोखे पर ही चल रही हैं दुनिया,जो सच कहा मैंने तो मुझे गुनहगार कह रही हैं दुनिया इंसान ही इंसान को जानवर कह रहा हैं,जानवरो का तो गोश्त खा रही हैं दुनिया ना अपने की फिक्र,ना पराये Read more…
जरा सा रुक कर देखना कभी जरा सा रुक कर देखना कभी कब्रिस्तान मे भी,शायद कोई अभी भी जिंदगी की जंग लडता हुआ मिल जायेजरा सा रुक कर देखना कभी उस टुटे मकान मे भी,शायद अभी भी कोई सपनो के Read more…
मेरे हर सफ़र का साथी था वो ना जाने कब हवा चली और धुँआ हो गया वो मेरी हर नजर का दर्पण था वो ना जाने कब धुप गई और अँधेरा हो गया वो Read more…