Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

Year: 2012

Short Story On Drug | मौत के सौदागर

मौत के सौदागर शाम ढल रही थी और ठंडी हवाए उसके चेहरे को सहला कर  उसके कान में अपना पता बता रही थी। हवाओ के आलिंगन से उसका शरीर बर्फ में बदलने को आतुर हो रहा था। उसका दिमाग बार-बार Read more…

Letter To Ex Girlfriend | बेवजह

मैं आज फिर डाकिये को बेवजह डाट रहा था,पुचकार रहा था.सच तो ये हैं के तुने आज भी मेरे खत का जवाब नही भेजा हैं.ना जाने तू किस बात से डर रही हैं. दुनिया से …इस दुनिया से तो बिलकुल Read more…

Poem On World | चल रही हैं दुनिया

    धोखे पर ही चल रही हैं दुनिया,जो सच कहा मैंने तो मुझे गुनहगार कह रही हैं दुनिया   इंसान ही इंसान को जानवर कह रहा हैं,जानवरो का तो गोश्त खा रही हैं दुनिया ना अपने की फिक्र,ना पराये Read more…

Hindi Short Poetry

जरा सा रुक कर देखना कभी जरा सा रुक कर देखना कभी कब्रिस्तान मे भी,शायद कोई अभी भी जिंदगी की जंग लडता हुआ मिल जायेजरा सा रुक कर देखना कभी उस टुटे मकान मे भी,शायद अभी भी कोई सपनो के Read more…

Poem On Unknown | वो

  मेरे हर सफ़र का साथी था वो   ना जाने कब हवा चली और धुँआ हो गया वो     मेरी हर नजर का  दर्पण था वो   ना जाने कब धुप गई और अँधेरा हो गया वो   Read more…

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