Posts

Showing posts from January, 2011

Memories Of Love | फिर तेरी याद आयी

Image
  भीनी भीनी सी मिट्टी की महक आयी   ओस की बूंदों से पत्तो पर चमक आयी    पीछे मुड़कर जब देखा मैंने    तो याद तेरी फिर आयी      अँधेरे  को दूर कर सूरज की रोशनी आयी    सन्नाटे को चीरती चिडियों की चहचाहट आयी    राज कई बंद हैं सीने में मेरे    और उन्हें खोलने हँसी तेरी फिर आयी        तेरी बातो का जादू हैं कुछ ऐसा   पत्थर भी सुनने लगे हैं ये कुछ ऐसा    मधुशाला की और बढ़ते हुए मेरे कदमो को रोकने    तेरी नशीली निगाहे  फिर आयी      मुस्कुराते हुए वो पल फिर आये ,   तेरी जुल्फों  की छाव ले आये    सोचा था फिर होगी मुलाकात तुझसे    पर तुझे मुझसे छिनने     ज़माने के ये रिवाज फिर आये .     (चिराग ) Poem On City | कौन रहता है इस शहर में Memories Of Love | Love Quotes | Memories Of Love Drama Eng Sub | Memories Of Love Ep 1 | Love Ending | Love Book | Love Trailer | Love Images

Love Poem In Hindi | चाहत

Image
  बागो की कच्ची कलियों की महक    तेरी चूडियो की खनक    वो धुप में बारिश का आना    वो चाँद का बदलो में छुप जाना      पौ  फटते तेरी यादो में खो जाना    सपनों में भी तेरा आना    हर साँस में हैं तेरा नाम    तुझे चाहना यही हैं मेरा काम              चाहत को मेरी ना समझाना भूल    तुझे पाना चाहता हूँ    तेरा होना चाहता हूँ    तुझमे ही आज खोना चाहता हूँ      चाहू तो ज़िन्दगी तेरे नाम कर दूँ    पर तू ही तो मेरी ज़िन्दगी हैं    तुझे कैसे बतलाऊ    दिखलाऊ कैसे मेरे दिल में बसा प्यार      आईने में ना देख तस्वीर अपनी    मेरे दिल में देख तकदीर अपनी    तुझे पाना हैं मुझे    बस यही शख्सियत हैं मेरी                                                                       (चिराग ) Short Story On Drug | मौत के सौदागर Love Poem In Hindi | Love Poem In Hindi For Girlfriend  | Hindi Lyrics | Love Poem In Hindi For Boyfriend | Poem  For Husband | Poem Hindi For Wife | Hindi Written In English | Poem In Hindi Short

Lalu Prasad Yadav | लालूजी

Image
  एक दिन लालूजी बोले राबड़ी से,   चलो कर आये हम लन्दन की सैर ,   क्यों न बनाये कुछ दिन लन्दन में अपना बसेर.     (उस पर राबड़ी जी बोली के)   लन्दन-वंदन  की सैर छोडिये,   पहले गठबंधन को जोड़िये,   आ रहे है चुनाव करीब अगर हार गए तो रहना पड़ेगा इसी बसेर।       (लालूजी बोलते है)   आप चिंता न करे चुनाव की ,   इस बार हम ही जीतेंगे गद्दी बिहार की।         इस बार कर ली हमने चुनाव की सारी तेयारी ,   और नीतिश से करली है हमने यारी.     (उस पर राबड़ी जी बोली के)   ऐसा क्या किया आपने जो नीतिश बन गए आपके यार,   दो दुश्मनों के बीच कैसे पनपा इतना प्यार.       (लालूजी बोलते है)   हमने नीतिश से कहा बस इतना,   के आधा राज तुम्हारा आधा अपना.     (उस पर राबडी जी बोली के)   लेकिन फिर कोन बनेगा मंत्री और,   कोन बनेगा संत्री.     (लालूजी बोलते है)   चिंता न करो देखि है हमने भी खूब दुनिया,   नीतिश बनेंगे मनमोहन और तुम सोनिया.     (उस पर राबडी जी बोली के)   हमें आप पर नाज़ है मेरे प्राणनाथ ,   आपने तो कर दिए हर मुश्किल रास्ते साफ़.     अब न है कोई बंधन न है किसी से बेर,   चलो बनाये कुछ दिन लन्दन में अपना बसेर.