Chirag Ki Kalam ( चिराग की कलम )

जिंदगी का नशा ही काफी है ……

तिरभिन्नाट पोहा-Tirbhinnat Poha

तिरिभिन्नाट पोहा- पोहे-जलेबी का उधार | Poha Jalebi


 भिया राम  –रितिक 
ने दूर से आते उमेश को देखकर कहा ।  
जय श्री राम रितिक और कई चाली रियो है , तू
दिखियो नी यार घणा दन थी ।  हा यार वो क्या
है नी के अपना वो धंधा बंद हो गया था नी ने फिर अपने कने  पईसे आने वाले थे विदेश से वो भी नी आये , तो वो कालू है नी उसका पोहे जलेबी का उधार भोत हो गिया था । बस इसिच
लिये अपन जो है नी अंडर ग्राऊंड हो गे थे ।




  • Poha Jalebi




तो असो थो म्हारे लागयो के तू फेर कणी छोरी ने लेके भागी गियो है , पिछली बार तू ऊ पडोस के मोह्ल्ला की छोरी के भागी गयो ने फिर कई दन
तक नी दिखियो थो । अरे यार उमेश भिया तुम भी ना मजे मत लिया करो , वो तो वो लडकी अपने पे फिदा थी ने फिर अपन नी भागे उसको लेके वो
पप्पू भिया ने जबरदस्ती  बांध दी अपने गले
।  केने लगे के इससे इम्प्रेशन बढेगा ने
लोग जानेगे फिर के रे थे के चुनाव आ रहे है तो तू फिर पापूलर होगा तो चुनाव भी जीत
जायेगा ।





अपने पप्पू  भिया भी ना यार
उमेश कभी कभी पगला जाते है और फिर अब उनकी जरुरत है ने देखो गायब है । एक तो पोहे –जलेबी
की तलब है ,
विदेश से पईसा नी आ रिया है और अपने भिया कही छुप के बैठे होंगे । नी यार कई बात
कर रियो है तू ,
पप्पू भिया तो महान इंसान है रे,
वणा के वारे मे असी बाता मत कर । अरे नी यार उमेश भिया तुम भोत भोले हो , मैंने तो सुना है पप्पू भिया पर भी कालू का भोत उधार है , इसिलिये आजकल दिख नी रिये है । डर के बैठे होयेंगे कही ने फेक रहे
होंगे लम्बी –लम्बी ।





पप्पू भिया ये सब सून रहे थे और उमेश ने पप्पू भिया को आते देख लिया
था ।





क्यो रे गेलिये रितिक क्या बोल रिया था रे तू मेरे बारे मै के मैं डर
रिया हू ।  पप्पू भिया ने रितिक को देखा ने
दे रेपट, दे
रेपट ने दे रेपट  ।  रितिक को ऐसा लगा के वो फ्री मे ही सरवटे, भवरकुआ और राजबाडा घुम आया । अरे यार भिया तुम बुरा मान गये यार , मैं तो मजाक कर रिया था ने मैंने तो सुना है तुम इस बार हम सबका
पोहे-जलेबी का उधार माफ करवा रहे हो । हा यार दादा करवाई दो अणी बार नी तो फेर
मांगी मांगी ने पोहा ने जलेबी खाना पडेगो । अरे तुम चिंता काहे कर रिये हो छोकरो
ओन , इस बार अपने
भिया खडे हो रे है चुनाव मे ने अपन अभी बात करके आ रे है उनसे , उनने का है के अगर इस बार उने वोट दिया चुनाव जीतने के  दस मिनिट मे अपन सब का पोहे-जलेबी का उधार चुका
देंगे । भिया तमारो भी उधार है कई , तम
तो कई रिया था के तमारो कई उधार कोनी ने फिर यो रितिक ने कियो तो तमने अणकी हवा
उडाई दी ।





अरे नी रे उमेशिया , अब
असो है के एक दन कई इंडिया को मैच आई रियो थो ने गली मे अपन देखी रिया था ।  वा कई दो छोरा ओन ने शर्त लगाई की जो हारेगो
पूरी गली के पोया ने जलेबी खिलायेगो । अब जो छोरो हारी गयो वो रोवा लागी गयो , तो फिर अपन तो कई दरियादिल है तो फेर अपन ने सबके वणकी तरफ थी पोहा
ने जलेबी खिलाई दिया तो वो पैसा अभी देना है कालू के अब भिया चुनाव लडी रिया है तो
अपणा भी माफ कराई लेगा ।





वा भिया मतलब मान गये आपको ,
मतलब आपने जो काम किया है नी ,
आने वाले सालो मे कोई नी कर पायेगा ।





कुछ दिन बाद चुनाव हुये और भिया जीत गये ने पप्पू, रितिक और उमेश नाचते हुये जुलूस के संग पोच गये भिया के घर ।





भिया तमने तो की थी के दस मिनिट मे उधार माफ करी देगा , दो घंटा बीती गया ने अबार तक कोई खबर नी ।  अरे गेलिया आज तो जितिया है शाम तक करी देगा
माफ, असो उतावला मत
होये ।  उमेश तू भी ना यार , पप्पू भिया ने की है तो जरुर होगा ।





अगले दिन तीनो कालू की दुकान पर गये ,
अरे कालू भिया तीन प्लेट पोहे ने 100-100 ग्राम जलेबी दे दो । अब तो उधार माफ हो
गया हमारा ये देखो कागज़् । कालू ने कागज़ पढा और दो प्लेट पोहे ने जलेबी लगाने को
के दिया । उमेश ने कालू से कहा – भिया म्हारा से कई नाराजगी हेगी कई , तम म्हारे पोहा नी दे रिया हो । अबे झंडू तेरे को और रितिक को दे
रिया हू ।  पप्पू भिया ने जैसे ही सूना
उनका पारा आसमान के पार हो गया ।





 अबे कालू तेरे को समझ नी आ
री क्या ,
अपने भिया चुनाव जीत गये है और सबका उधार माफ कर दिया है । अबे पप्पू तेरे से
ज्यादा पढा हुआ हू इसमे साफ साफ लिखा है के उधार माफ करो पर उसका जिसका सिर्फ 500
रुपये का उधार है और तूने तो आजतक उधार मे ही खाया है।  अबे कालू । अबे पप्पू चुप रे नी तो तेरे चेलो
के सामने बता दूंगा के उस दिन गली मे तूने शर्त लगाई थी के पाकिस्तान जीतेगा ने
तेरी तो कोहली से बात हो गई है ने उसे मोदी ने कहा है के इमरान को तोहफे मे दे दो
ये मैच । फिर तू शर्त हार गया था ने  सबको
पोहे खिलाये थे 1000 रुपये तो उस दिन हो गे थे ।





पप्पू भिया के इज्जत के कचरे हो चुके थे ।  वो अपने चेलो से आंख नी मिला रे थे ।  अरे यार कालू भिया अपने खाते से दे दो या पप्पू भिया को पोहे, इन्होने अपनो को भोत पोहे खिलाये है।  हा यार दई दो अणा भी एक प्लेट पोहा , यू भी यो तम्हारो   उधार अणी जनम मे तो नी चुका पायेगा । ई अणी बार उपर वाले के कई के आया है म्हारा वजह थे लोग तम्हारे याद करेगा ।





पप्पू भिया ने सुना थोडा गुस्सा दिखाया और फिर सब एक साथ हस पडे ।





 तिरभिन्नाट पोहा- इंडिया व्र्सेज आस्ट्रेलिया





तिरभिन्नाट पोहा-पप्पू भिया का रिजाईन




Indori Poha Recipe | तिरभिन्नाट पोहा-सख्त लौंडा




तिरभिन्नाट पोहा-इसके बिना जिंदगी खत्म भिया




तिरभिन्नाट पोहा-पप्पू भिया का लैपटाप




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2 COMMENTS

  1. पोहे पे चुनावी चर्चा हो न हो पर किसी भेरू मित्र मंडल की चर्चा जरूर देखने को मिलती है जिसका विषय यह होता है कि फलाने के जन्मदिन पर कितना बड़ा पोस्टर बनवाना ओर किसका फोटू कहा रहेगा

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